
अगर आप किसी भाषण निबंध या वाद-विवाद संबंधी प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं तो आपको संविधान से जुड़े अहम तथ्य भी जानना अति आवश्यक है तो चलिए जानते हैं क्या है वह खास बातें।
26 जनवरी को भारत अपना 74 वा गणतंत्र दिवस मना रहा है भारतीय इतिहास में 26 नवंबर 1949 और 26 जनवरी 1950 दोनों ही दिन बहुत ही खास होता है दोनों दिनों का संबंध संविधान से जुड़ा हुआ है 26 नवंबर 1949 वह दिन है जब भारत का संविधान बनकर तैयार हो गया था और हमने इसे अपनाया इस दिन को देश मैं संविधान दिवस और कानून दिवस के तौर पर मनाया जाता है इसके ठीक 2 माह पश्चात मतलब 26 जनवरी 1950 को इसे देश में लागू कर दिया गया था 26 जनवरी को भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया था गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर स्कूलों कॉलेजों और सरकारी दफ्तरों में अनेकों प्रकार की प्रतियोगिताएं होती हैं अगर आप किसी भाषण निबंध या फिर वाद विवाद से जुड़े प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं तो आपको संविधान से जुड़ी कुछ खास बातें जानना अति आवश्यक है कि में तो निश्चित तौर पर संविधान से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं भारतीय संविधान का क्या महत्व है यह क्यों बनाया गया किस की अहम भूमिका थी इससे बनाने में कितना वक्त लगा दुनिया भर में यह क्यों सबसे खास है इन सब प्रश्नों के जवाब आपको हम बताने चल रहे हैं।
भारतीय संविधान की खास बातें
✨ साल 2015 में भारत सरकार ने 26 नवंबर के दिन संविधान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया था 2015 इसीलिए खास साल था क्योंकि उस साल संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 125 वीं जयंती मनाई जा रही थी।
✨ भारतीय संविधान पूरे विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है।
✨ भारत के संविधान में अनेकों देशों के संविधान की खास विशेषताएं अपनाई गई हैं भारत के संविधान को बाग ऑफ बोर्विंग के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसके अधिकतर प्रावधान अन्य देशों के लिए लगाए गए हैं इसके अनेकों हिस्से यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, जर्मनी, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा एवं जापान के संविधान से लिए गए हैं इसमें देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों कर्तव्य सरकार की भूमिकाएं, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री की शक्तियों का उल्लेख किया गया है विधान पालिका कार्यपालिका एवं न्यायपालिका का क्या कार्य है उनकी देश को चलाने में क्या अहम भूमिका आए हैं इन सभी बातों का जिक्र संविधान में किया गया है।
✨भारतीय संविधान की यह मूल प्रतियां टाइप या फिर मुद्रित नहीं की गई थी संविधान की असली कॉपी प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने अपने हाथों के माध्यम से स्वयं लिखी थी यह बेहतरीन कैलीग्राफी के माध्यम इटैलिक अक्षरों में लिखा गया था इसके हर पन्ने को शांति निकेतन के कलाकारों ने सजाया था हस्तलिखित प्रतियों को संसद के पुस्तकालय में हीलियम में रखा गया है
✨किस प्रकार दिखती है मूल प्रति

🌟16 इंच चौड़ी है संविधान की मूल प्रति।
🌟22 इंच लंबे चर्म पत्र सीटों पर लिखी गई है।
🌟251 प्रश्न सम्मिलित थे इस पांडुलिपि में।
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✨कितने दिन में हुआ था तैयार संविधान
🌟पूरा संविधान तैयार करने में 2 साल 11 महीने 18 दिन लगे थे या 26 नवंबर 1949 को संपूर्ण हुआ था 26 जनवरी 1950 को भारत गणराज्य का यह संविधान लागू किया गया था।
✨संविधान की असली प्रतियां हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में लिखी गई थी हादसे लिखी हुई संविधान पर 24 जनवरी 1950 के दिन संविधान सभा के 284 मेंबर ने हस्ताक्षर किए थे जिसमें 15 महिलाएं भी सम्मिलित थी 2 दिन बाद 26 जनवरी से यह संविधान देश में लागू हो गया था।

✨संविधान 25 भागो, 448 अनुच्छेदों और 12 सूचियों में बटा हुआ है भारतीय संविधान की सी दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है मूल रूप से भारतीय संविधान में कुल मिला जुला कर 395 अनुच्छेद अर्थात 22 भागों में विभाजित एवं 8 अनुसूचियां थी लेकिन विभिन्न संशोधनों के परिणाम स्वरुप वर्तमान में इस में कुल मिला जुला कर 448 अनुच्छेद अर्थात 25 भागों में विभाजित और 12 अनुसूचियां हैं संविधान के तीसरे भाग में मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया है।
✨भारतीय संविधान की मूल संरचना भारत सरकार अधिनियम 1935 पर आधारित है भारतीय संविधान के नागरिकों के मौलिक अधिकारों का वर्णन संविधान के तीसरे भाग में अनुच्छेद अर्थात 12 से 35 तक किया गया है भारत के संविधान का निर्माण संविधान सभा के माध्यम से किया गया था।
✨डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का निर्माता कहा जाता है भारत के पहले कानून मंत्री डॉ भीमराव अंबेडकर संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष भी थे।
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