सावन के द्वितीय सोमवार पर काशी विश्वनाथ में शरणार्थी रिकॉर्ड तोड़ 6 लाख..
सावन के द्वितीय सोमवार के दिन काशी विश्वनाथ में दर्शन करने वालों की जितने भी रिकॉर्ड थे सारे सावन के द्वितीय सोमवार के दिन टूट गए रात्रि 10:00 बजे से ज्यादा भक्त बाबा के दरबार में आए वही शाम 6:00 बजे की बात करें तो 5 लाख 78 हजार शंकर भगवान के भक्त वहां पर पहुंचे |
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सावन महीने के द्वितीय सोमवार के दिन बाबा के धाम में दर्शन अभिलाषी एवं जल चढ़ाने वालों की भीड़ इकट्ठा हुई उन सभी ने एक नया रिकॉर्ड कायम कर दिया रात्रि 10:00 बजे तलक 6 लाख से अधिक भक्तों ने दर्शन किया वही संध्या 6:00 बजे की बात करें तो 5 लाख 78 हज़ार भक्तगण वहां पर पहुंचे थे गर्भ गृह में द्वितीय सोमवार के दिन काशी विश्वनाथ के शंकर पार्वती के रूप की झांकी को भी सजाया गया था ।
प्रातः के पश्चात दिन का तीसरा पहर बीतते बीतते भी इंद्रदेव एक्टिव हो गए पहले आकाश में बादलों को भेजा उसके पश्चात धीमी धीमी बारिश प्रारंभ करा दिए उसकी वजह से लाइन में लगे भक्तगण जो प्रतीक्षा कर रहे थे उनकी जो थकान थी वह दूर होने लगी उसके पश्चात लाइन में लगने के समय जो उनके अंदर उत्साह था हर हर महादेव बम बम इत्यादि के जयघोष के रूप में उनके मुंह से निकलने लगे कैथी में गंगा के किनारे जो मार्कंडेय महादेव के साथ शिव नगरी के दूसरे प्रमुख शिवालयों में भी प्रातः से देर शाम तलक दर्शन करने के लिए बहुत से भिड़े लगी हुई थी ।
भक्तों के इतनी बड़ी संख्या के होने के बाद भी काशी विश्वनाथ में बाहर हो या अंदर हो उनकी जो सुविधाएं और जो सुरक्षा की जा रही थी वहां पर कोई भी किसी भी प्रकार की घटना को देखने को नहीं मिला और भक्तगणों को किसी भी प्रकार की असुविधा या फिर कोई भी परेशानी को झेलना नहीं पड़ा सावन के द्वितीय सोमवार को बाबा के दर्शन पूजन से जो भीड़ इकट्ठा हुई थी वह अधिकतर बंगाल असम मेघालय एवं उड़ीसा इत्यादि स्टेट के लोगों की ज्यादा दिखाई दिए यह अधिकतर भक्त इतवार दोपहर में काशी में अपना डेरा डाल चुके थे ।
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वहां के आसपास के डिस्ट्रिक्ट के कांवरियों के आने का जो समय था वह रविवार से काफी तेजी देखने को मिली सोमवार के दिन जैसे ही सुबह हुई तब तलक भीड़ एकत्रित होती रही सबसे विशेष बात तो यह है कि अलग-अलग रास्तों से सभी बैंड बाजों के साथ डीजे के साथ झूमते गाते काशी बाबा विश्वनाथ धाम की ओर कदम बढ़ाते चले जा रहे थे ।
खास मुहूर्त, विशिष्ट संयोग
सावन के दूसरे सोमवार के दोपहर के पश्चात त्रयोदशी का दिनांक लगने के वजह से सोमवार प्रदोष का दुर्लभ संयोग बना उसके अतिरिक्त सूर्य के उदय से ही अमृत एवं सर्वार्थ सिद्धि योग भी पूर्ण दिन व देर रात्रि तक बनी रहे इसी वजह से काशी विश्वनाथ धाम के संयत्र सारे विशेष शिवालयों में बीते सोमवार की अपेक्षा अधिक भक्तगण वहां पर पहुंचे ।
ब्रह्म मुहूर्त से ही लगी लाइन
भोर में काशी विश्वनाथ मंदिर के दरवाजे को खुलने की प्रतीक्षा एवं बोल बम गए कांवड़ियों की लाइन एक तरफ ज्ञानवापी से प्रारंभ होकर बांस फाटक हौज कटोरा गोदौलिया दशामेद्वा एवं वहां से घूम कर गोदौलिया गिरजाघर पारकर PDR मॉल के आगे तक पहुंच गई थी दूसरी ओर चौक नीचीबाग मैदागिन मालवीय बाजार तलक शिवभक्त लाइन में खड़े दिखाई दिए।
गंगा मे द्वार का दबाव सड़क पर भी देखने को मिला
सोमवार एकदम सुबह यानी कि भोर में धीमी धीमी बरसात के मध्य हजारों बोल बम यानी कांवरियों ने बाबा के दरबार में जाकर के जल चढ़ाया शंकर भगवान के भक्त जल में भेजते हुए खड़े रहे गंगा के स्तर में बढ़ोतरी के वजह से गंगाद्वार की तरफ से मंदिर में प्रवेश करने के रास्ते को बंद कर दिया गया था जिसके कारण से भीड़ का जो प्रभाव था वह गोदौलिया से मैदागिन के मध्य देखने को प्राप्त हुआ सवेरे 8:00 बजे के पश्चात धूप निकल जाती है बोल बम यानी कावड़िया पूरे उत्साह के समेत्र लाइन में लगे रहे ।
घंटों लाइन में लगने से छुटकारा
मंदिर में तीन तरफ से अंदर जाने के लिए एवं गर्भ ग्रह के चारों दरवाजों से झांकी दर्शन की सुविधा करने से वहां पर लगे लाइन में लोगों को ज्यादा वक्त तक लाइन में खड़ा नहीं होना पड़ा सारे लोगों को आराम से काशी विश्वनाथ के दर्शन प्राप्त हुए काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रशासन ने अपंग एवं बूढ़े लोगों को सीधे बांस फाटक की तरफ से मंदिर में जाने दिया वहां पर प्रशासन के द्वारा लगाए गए सिपाही ने जो भी चल पाने में समर्थ नहीं थे उन कुछ दर्शनार्थियों को सहारा देकर के मंदिर तलक ले गए संध्या 4:00 से 6:00 बजे तलक स्पेशल लोग को भी इसी रास्ते से ले जाया गया ।