गणेश

गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन अब यमुना नदी में नहीं कर पाएंगे लोग 50000 तलक जुर्माना देना होगा गाइडलाइन हुआ तय ।

गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन अब यमुना नदी में नहीं कर पाएंगे लोग 50000 तलक जुर्माना देना होगा गाइडलाइन हुआ तय ।

गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर हर वर्ष इस त्यौहार को धूमधाम से मनाया जाता है इस दिन लोग घर पर गणपति भगवान के मूर्ति को स्थापित करते हैं और पूरे 10 दिन तलक उनकी पूजा पाठ करते हैं दसवे दिन मूर्ति का विसर्जन किया जाना होता है मूर्ति विसर्जन को देखते हुए दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के द्वारा कुछ गाइडलाइन तय की गई है ।

आज ही से ही गणेश चतुर्थी के त्यौहार का प्रारंभ होता है इस दिन लोग घर में गणेश भगवान की मूर्ति की स्थापना करते हैं और पूरे 10 दिन तलक पूजा पाठ करते हैं दसवे दिन अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी की मूर्ति को विसर्जित कर देते हैं बप्पा के विसर्जन के वक्त यह विशेष तरीके से ध्यान में रखना चाहिए कि दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल ने सब को ध्यान में रखते हुए एक गाइडलाइन जारी कर दी है ।

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दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमिटी मतलब डीपीसीसी ने गणेश एवं दुर्गा माता के मूर्तियों के विसर्जन को लेकर के एक गाइडलाइन को तय कर दिया है उसके हिसाब से यमुना नदी में विसर्जन नहीं किया जा सकेगा ऐसा करने पर सभी लोगों को 50 50 हजार रुपए जुर्माना के तौर पर भरना पड़ेगा ।

डीपीसीसी की तरफ से बताया गया है कि भिन्न-भिन्न जिलों के कृतिम पॉन्ड बनाए जाएंगे जहां पर मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा और वहीं दूसरी तरफ नेचुरल मिट्टी से बने हुए मूर्तियों के उपयोग की परमिशन भी दी जाएगी पीओपी से बने मूर्तियों का उपयोग नहीं किया जाएगा उसके अतिरिक्त यदि कोई भी नियम के खिलाफ जाता है तो उसको 6 माह तक जेल की सजा भुगतनी पड़ेगी उसके साथ जुर्माना भी देना पड़ेगा।

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डीपीपीसी ने दिल्ली पुलिस को प्लास्टर ऑफ पेरिस पीओपी से बनी हुई मूर्तियों का उपयोग करना सख्त मना किया है नगर निकायों से कहा गया है कि वे सारे अंचल विभागों को अवैध यानी गलत तरीके से बनाए गए मूर्तियों पीओपी का उपयोग जो भी करेगा उस पर सख्त कार्यवाही की जाएगी ।

यमुना नदी में मूर्ति विसर्जन पर रोक को लेकर के डीपीसीसी ने बोला की मूर्ति विसर्जन एक बहुत बड़ी गंभीर समस्या है क्योंकि उन्हें बनाने में उपयोग होने वाले जहरीले पदार्थों को पानी में अंत में मिल जाता है ।

आप सभी लोगों को जानकारी दे दी कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने 2015 में यमुना नदी में मूर्ति विसर्जन पर रोक लगा दिया था परंतु दिल्ली गवर्नमेंट ने 2019 में इस संबंध में आदेश जारी किया था कि इस वर्ष 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी और 9 सितंबर को मूर्ति विसर्जन किया जाना तय किया गया है ।

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